नई दिल्ली। भारत की टी20 विश्व कप 2024 टीम में चयनकर्ताओं द्वारा कुछ साहसिक फैसले लिए गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आउट-ऑफ-फॉर्म हार्दिक पंड्या को टीम में जगह मिली, जबकि शुभमन गिल और रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर दिया गया। हालांकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि हार्दिक का चयन विकल्पों की कमी के कारण हुआ था। बाद में एक रिपोर्ट से पता चला कि चयन समिति पर मुंबई इंडियंस के खिलाड़ी को चुनने का दबाव था।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने अब टी20 विश्व कप टीम चयन पर खुल कर कहा है कि खिलाड़ियों को पूरी तरह से आईपीएल फॉर्म के आधार पर नहीं चुना जा सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में शाह ने टी20 विश्व कप जैसे टूर्नामेंट के लिए टीम चुनते समय विदेशी अनुभव को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
चयनकर्ता हार्दिक को चुनने के पक्ष में नहीं थी
उन्होंने कहा, “इसमें फॉर्म और अनुभव के बीच अच्छा संतुलन है। चयनकर्ता केवल आईपीएल प्रदर्शन के आधार पर चयन नहीं कर सकते, क्योंकि विदेशी अनुभव भी जरूरी है।” दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि न तो रोहित और न ही भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति हार्दिक को चुनने के पक्ष में थी।
हार्दिक को ‘दबाव’ में टीम में चुना गया
रिपोर्ट में कहा गया है कि हार्दिक को ‘दबाव’ में टीम में चुना गया था। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि यह परिस्थितिजन्य दबाव था (क्योंकि वह भारत के शीर्ष तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं) या कुछ पक्षों का दबाव था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी कहा गया है कि अहमदाबाद में बैठक के दौरान कप्तान रोहित शर्मा, बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और कुछ चयनकर्ता टी20 विश्व कप टीम में पंड्या के चयन के खिलाफ थे।