नई दिल्ली। कर्नाटक में एक बड़े हनीट्रैप कांड का खुलासा हुआ है, जिसमें राज्य के 48 राजनीतिक और प्रभावशाली हस्तियों को निशाना बनाया गया है। इस मामले में कई केंद्रीय नेताओं के फंसने की भी आशंका है। पुलिस जांच में सामने आया है कि एक संगठित गिरोह ने नेताओं को हनीट्रैप में फंसाकर उनसे बड़ी रकम वसूली थी।
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस ने हाल ही में इस मामले में एक संदिग्ध महिला को गिरफ्तार किया, जिसके पास से कई नेताओं के वीडियो और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। पूछताछ में पता चला कि गिरोह नेताओं को जाल में फंसाने के लिए सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करता था। महिलाओं के जरिए पहले नेताओं से दोस्ती की जाती थी, फिर उन्हें ब्लैकमेल कर भारी रकम ऐंठी जाती थी।
कौन-कौन निशाने पर?
जांच के मुताबिक, इस हनीट्रैप रैकेट का शिकार बने 48 लोगों में राज्य के कई विधायक, पूर्व मंत्री और बड़े कारोबारी शामिल हैं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि कुछ केंद्रीय स्तर के राजनेताओं के भी इसमें फंसने की आशंका है। हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक इन नेताओं के नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।
ब्लैकमेलिंग का तरीका
गिरोह पहले नेताओं के साथ दोस्ती बढ़ाता था और फिर निजी तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड करता था। इसके बाद उन वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम वसूली जाती थी। पुलिस को आशंका है कि इस कांड में कई बड़े सफेदपोश और रसूखदार लोग शामिल हो सकते हैं।
राजनीति में हलचल
इस हनीट्रैप कांड के खुलासे के बाद कर्नाटक की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। कई नेताओं ने मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जांच जारी
पुलिस और साइबर सेल मामले की गहराई से जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि आगे की पूछताछ में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं। इस मामले में कई नेताओं को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। कर्नाटक का यह हनीट्रैप कांड राज्य की राजनीति में भूचाल ला सकता है। पुलिस और जांच एजेंसियां अब पूरे नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हैं। इस मामले में केंद्रीय नेताओं का नाम सामने आना सियासी हलकों में और भी हड़कंप मचा सकता है।