नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर जाने से पहले असम के कछार जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। वह सिलचर पहुंचे और हवाई अड्डे पर असम और मणिपुर के कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद गांधी फुलर्टल गए और राहत शिविरों में रह रहे बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत की। लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद राहुल गांधी का यह पहला पूर्वोत्तर दौरा है।
शिविर उस मार्ग पर है जहां से राहुल गांधी मणिपुर के जिरीबाम जिले में जाएंगे। राहुल गांधी का असम दौरा तब हुआ जब राज्य कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश, भूस्खलन और उफनती नदियों के कारण भीषण समस्या से जूझ रहा है। बाढ़ से राज्य के 28 जिलों के करीब 22.70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
मणिपुर में 200 से अधिक लोग मारे गए
राहुल गांधी जिरीबाम से असम के सिलचर हवाई अड्डे पर लौटेंगे और अपने मणिपुर दौरे के अगले चरण के लिए इंफाल के लिए उड़ान भरेंगे। पिछले साल 3 मई से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा देखी जा रही है और अब तक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। इस बीच, राहुल गांधी के मणिपुर और असम दौरे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है।
कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी रूस यात्रा पर जाने और जातीय हिंसा भड़कने के बाद से मणिपुर की यात्रा नहीं करने को लेकर उनकी आलोचना की। वहीं, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने रमेश पर पलटवार किया और राहुल गांधी पर “बीमार त्रासदी पर्यटन” में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर में हिंसा कांग्रेस की विरासत है।