नई दिल्ली। दिल्ली में भारी बारिश के कारण कांग्रेस और समाजवादी पार्टी द्वारा संसद लॉबी में पानी लीक होने के वीडियो पोस्ट किए जाने के बाद भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है। जहां कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने लोकसभा में इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया, वहीं अखिलेश यादव ने नई संसद के निर्माण पर अरबों खर्च करने के लिए भाजपा पर तंज कसा और कार्यवाही को पुराने भवन में ले जाने की मांग की।
Paper leakage outside,
water leakage inside. The recent water leakage in the Parliament lobby used by the President highlights urgent weather resilience issues in the new building, just a year after completion.
Moving Adjournment motion on this issue in Loksabha. #Parliament pic.twitter.com/kNFJ9Ld21d— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) August 1, 2024
एक्स को संबोधित करते हुए मनिकम टैगोर ने कहा, “बाहर कागज का रिसाव, अंदर पानी का रिसाव। राष्ट्रपति द्वारा उपयोग की जाने वाली संसद लॉबी में हाल ही में पानी का रिसाव नई इमारत के पूरा होने के ठीक एक साल बाद मौसम के लचीलेपन के तत्काल मुद्दों को उजागर करता है।” समाजवादी पार्टी प्रमुख और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने सरकार से मानसून सत्र के शेष भाग को पुराने संसद भवन में स्थानांतरित करने का आग्रह किया।
पुरानी संसद में हो कार्यवाही: अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “इससे अच्छी तो पुरानी संसद थी, जहां पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे। पुरानी संसद में लौटते हैं, कम से कम तब तक जब तक अरबों की लागत से बनी नई इमारत में ‘पानी टपकने का कार्यक्रम’ चल रहा है।” उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “जनता पूछ रही है कि क्या भाजपा सरकार के तहत बनी हर नई छत से पानी का रिसाव उनकी सोची-समझी योजना का हिस्सा है।”
28 मई 2023 को हुआ था उद्घाटन
नए संसद भवन, सरकार की महत्वाकांक्षी 20,000 करोड़ रुपये की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्घाटन 28 मई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। हालांकि, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया था। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित, नई इमारत का निर्माण 862 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था।